Friday, 3 January 2020

Text of PM’s address at the inauguration of 107th Indian Science Congress

Text of PM’s address at the inauguration of 107th Indian Science Congress
Friends, First and foremost I wish you all a happy 2020. May this year be marked by prosperity in your lives and productivity in your labs. I am particularly happy that one of my first programmes in the start of a new-year and new decade is linked to science, technology and innovation. This programme is happening in Bengaluru, a city linked with science and innovation. The last time I had come to Bengaluru was when the eyes of the nation were set on Chandrayan-2. That time, the manner in which our nation celebrated science, our space programme and the strengths of our scientists will always be a part of my memory.
Friends, Bengaluru, the city of gardens is now a wonderful field for start ups. The world is coming to innovate here. रिसर्च एंड डवलपमेंट का एक ऐसा इकोसिस्टम इस शहर ने विकसित किया है, जिससे जुड़ना हर युवा साइंटिस्ट, हर Innovator, हर इंजीनियर का सपना होता है। लेकिन इस सपने का आधार क्या सिर्फ अपनी प्रगति है, अपना करियर है? नहीं।ये सपना जुड़ा हुआ है देश के लिए कुछ दिखाने की भावना से, अपनी अचीवमेंट को देश की अचीवमेंट बनाने से।
And Hence, When we start year 2020 with positivity and optimism of science and technology driven development, we take one more step in fulfilling our dream.
Friends,
I have been told that India has climbed to third position globally in the number of peer reviewed science and engineering publications. It is also growing at a rate of about 10% compared to around 4% global average. I am also happy to learn that India’s ranking has improved in the Innovation Index to 52. Our programs have created more technology business incubators in the last five years than in the previous 50 years! I congratulate our scientists for these accomplishments.
Friends,
The growth story of India depends on its achievements in the Science & Technology sector. There is a need to revolutionise the landscape of Indian science, Technology and Innovation. My motto for the young scientists bourgeoning in this country has been -"Innovate, Patent, Produce and Prosper”. These four steps will lead our country towards faster development. If we innovate, we will patent and that in turn will make our production smoother and when we take these products to the people of our country, they will prosper. Innovation for the people and by the people is the direction of our ‘New India’.
Friends,
न्यू इंडिया को टेक्नॉलॉजी भी चाहिए और लॉजिकल टेंपरामेंट भी, ताकि हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन के विकास को हम नई दिशा दे सकें। मेरा ये हमेशा से मत रहा है कि भारत के समाज को जोड़ने के काम में, अवसरों की समानता लाने में, साइंस और टेक्नॉलॉजी की बड़ी भूमिका है। अब जैसे Information and Communication Technology के विकास ने, भारत में ही बन रहे सस्ते स्मार्टफोन और सस्ते डेटा ने, एक बहुत बड़ी प्रिविलिज को खत्म किया है। इससे आज सामान्य से सामान्य नागरिक को भी विश्वास हुआ है कि वो अलग नहीं, वो भी सीधा सरकार से कनेक्टेड है, उसकी आवाज़ सीधे सरकार तक पहुंच रही है। ऐसे ही परिवर्तनों को हमें और प्रोत्साहित करना है, मज़बूत करना है।
साथियों, इस बार आपने, Rural Development में साइंस और टेक्नॉलॉजी की भूमिका पर चर्चा रखी है, इसलिए मैं इसी क्षेत्र की थोड़ा और विस्तार से बात करूंगा। बीते 5 वर्षों में Rural Development को देश के सामान्य मानवी ने महसूस किया है, अनुभव किया है। स्वच्छ भारत अभियान से लेकर आयुष्मान भारत तक, दुनिया की सबसे बड़ी योजनाएं, जो आज Effective Delivery के लिए सराही जा रही हैं, उनके पीछे की ताकत है- टेक्नॉलॉजी और Good-Effective Governance के लिए हमारी प्रतिबद्धता।
साथियों, आज देश में Governance के लिए, जितने बड़े पैमाने पर साइंस एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। कल ही हमारी सरकार ने, देश के 6 करोड़ किसानों को एक साथ, पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर करके, एक रिकॉर्ड बनाया है। ये सब कैसे संभव हुआ? आधार Enabled technology की मदद से।
साथियों,
अगर देश के हर गांव तक, गरीब परिवार तक शौचालय पहुंचा है, बिजली पहुंची है तो, ये टेक्नॉलॉजी के कारण ही संभव हो पाया है। ये टेक्नॉलॉजी ही है जिसके कारण सरकार उन 8 करोड़ गरीब बहनों की पहचान कर पाई, जिनका जीवन लकड़ी के धुएं में बर्बाद हो रहा था। टेक्नॉलॉजी के उपयोग से लाभार्थी की पहचान तो हुई ही, साथ ही नए डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर कहां और कितने बनने हैं, ये भी हम बहुत ही कम समय में तय कर पाए। आज गांव में सड़कें समय पर पूरी हो रही हैं, गरीबों के लिए 2 करोड़ से ज्यादा मकान अगर समय पर तैयार हो पाए हैं, तो इसके पीछे टेक्नॉलॉजी ही है। Geo Tagging और Data Science का उपयोग होने से अब प्रोजेक्ट्स की गति और तेज हुई है। Real Time Monitoring की व्यवस्था से योजना और लाभार्थी के बीच का गैप अब खत्म होने लगा है। समय पर काम पूरा होने से Cost Overrun और अधूरे प्रोजेक्ट्स को ही पास करने की जो शिकायतें आती थीं, वो भी अब खत्म हो रही हैं।
Friends, We are continuing our efforts to ensure the ‘Ease of doing Science’, and effectively using Information Technologies to reduce red tape. Today, farmers are able to sell their products directly to the market without being at the mercy of the middlemen. Digitalisation, E-commerce, internet banking and mobile banking services are assisting rural populations significantly. Today, farmers are getting the required information about the weather and forecasts at their fingertips through many e-governance initiatives.
साथियों, भारत के विकास में, विशेषतौर पर ग्रामीण विकास में टेक्नॉलॉजी की उपयोगिता को हमें और व्यापक बनाना है। आने वाला दशक भारत में साइंस एंड टेक्नॉलॉजी आधारित गवर्नेंस के लिए एक Decisive समय होने वाला है। विशेषतौर पर Cost Effective Agriculture और Farm to Consumer के बीच के सप्लाई चेन नेटवर्क को लेकर अभूतपूर्व संभावनाएं टेक्नॉलॉजी लाने वाली है। इसका सीधा लाभ गांव को होने वाला है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को होने वाला है। आप सभी को ये भी जानकारी है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर जल पहुंचाने के लिए, एक बहुत बड़ा अभियान- जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। इस अभियान की ताकत भी टेक्नॉलॉजी है। अब ये आपका दायित्व है कि पानी की Recycling और Reuse के लिए प्रभावी और सस्ती टेक्नॉलॉजी कैसे विकसित करें। एक प्रकार से Water Governance आपके लिए एक नया फ्रंटियर है। घर के भीतर से निकलने वाले पानी को खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग कर पाएं, इसके लिए सस्ता और प्रभावी समाधान आपको तैयार करना है। हमें ऐसे बीज भी तैयार करने होंगे जो पोषण से भी भरपूर हों और पानी का उपयोग कम करें। देशभर में जो सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं, उस डेटा का उपयोग रोज़ाना की खेतीबाड़ी के काम में कैसे हो, इस पर भी नए सिरे से विचार करना होगा। सबसे अहम ये कि सप्लाई चैन में जो नुकसान हमारे किसानों को होता है, उससे बचाने के लिए तकनीकी समाधान बहुत ज़रूरी है।
साथियों,
गांव की अर्थव्यवस्था की एक और अहम कड़ी है हमारे लघु और मध्यम उद्योग यानि MSME. बदलते हुए समय में इनकी मजबूती भी आप सभी साथियों से जुड़ी हुई है। अब जैसे सिंगल यूज़ प्लास्टिक की ही बात लीजिए। देश ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्ति पाने का संकल्प लिया है ताकि अपने पर्यावरण को, हमारे पशुओं, हमारी मछलियों को, हमारी मिट्टी को हम बचा सकें। लेकिन प्लास्टिक का सस्ता और टिकाऊ और कुछ नया विकल्प तो आपको खोजना होगा। मेटल हो, मिट्टी हो या फिर फाइबर, प्लास्टिक का विकल्प आपकी प्रयोगशाला से ही निकलेगा। Plastic Waste के साथ-साथ Electronic Waste से मेटल को निकालने और उसके Reuse को लेकर भी हमें नई तकनीक, नए समाधान की ज़रूरत है।
आप जो समाधान देंगे, वो समाधान हमारे ये लघु उद्योग, हमारे मिट्टी के कलाकार, लकड़ी के कलाकार बाज़ार में उतार पाएंगे। इससे पर्यावरण भी बचेगा और हमारे लघु उद्योगों का विकास भी होगा।
साथियों,
गांवों में ग्रीन, सर्कुलर और सस्टेनेबल इकॉनॉमी के लिए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए समर्पित स्टार्ट अप्स के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। फसलों के अवशेष और घरों से निकलने वाला कचरा भी प्रदूषण और गंदगी को लेकर चुनौती पैदा कर रहे हैं। इस Waste को भी हमें Wealth में बदलने के लिए तेजी से कोशिश करनी ही होगी। हमारा प्रयास है कि साल 2022 तक हम कच्चे तेल के आयात को कम से कम 10 प्रतिशत कम कर सकें। लिहाज़ा बायोफ्यूल, इथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में Start Ups के लिए, बहुत संभावनाएं हैं।
ऐसे में Industry आधारित रिसर्च को हमें अधिक प्रोत्साहन देना होगा, हर स्टेक होल्डर के बीच संवाद को हमें विकसित करना होगा। याद रखिए, आपका यही योगदान भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
Friends, There is a need for revolution in technologies assisting agricultural practices. Can we find farmer-centric solutions to the problem of stalk burning for instance? Can we also redesign our brick kilns for reduced emissions and greater energy efficiency? We need to find better and faster solutions to the problem of clean drinking water supplies around the country. How do we prevent effluents and discharge from industries from ruining our soil and our groundwater tables for years to come?
Friends,
Another important point I wish to make is the significance of Make in India” in medical devices to bring the fruits of advances in diagnostics to our people.  
Mahatma Gandhi once said, “It is health that is the real wealth and not pieces of gold and silver.” To promote well-being, we should not only practice some of the tested traditional wisdom, but also continuously enlarge its scope by introducing the modern tools and concepts of contemporary biomedical research.
Our vision should be to protect people from the threats of dangerous communicable diseases like Nipah, Ebola, etc. We must work overtime to fulfil the promise to eradicate Tuberculosis by 2025. Globally, India is the leader in the supply of vaccines. We aim to develop India as a world-class, US$100 billion Bio-manufacturing hub by 2024. This will happen with right policy initiatives and support to innovative research, human resource development and entrepreneurial ecosystem.
Friends,
India must also develop a long term roadmap for sustainable and environment friendly transportation and energy storage options. The latter becomes increasingly significant for grid management as we expand our renewal energy supply. These require developing new battery types which are based on earth abundant, environmentally benign materials which are not monopolistic, are affordable on 100s of giga watt scales, and suitable for tropical climates.
Friends, The economic and social benefits of accurate weather and climate forecasting are immense. There have been considerable improvements in weather forecast and warning services especially in case of Tropical cyclones. This is evident from large reduction in casualties. Our successes in space exploration should now be mirrored in the new frontier of the deep sea. We need to explore, map and responsibly harness the vast oceanic resources of water, energy, food and minerals. This requires developing deep strengths in manned submersibles, deep sea mining systems and autonomous underwater vehicles. This, I hope will be made possible by a ‘Deep Ocean Mission’ being formulated by the Ministry of Earth Sciences.
Friends,
I have learned from the scientists that the potential energy, the silent form of energy, can move mountains by its conversion to the kinetic energy of motion. Can we build a Science in Motion?  Imagine the enormous impact of a full translation of our scientific potential into an unprecedented socio-economic development through relevant technologies, innovations, startups and industry. Can we have this high pressure steam drive a high speed engine of Science & Technology to navigate and connect the new India of opportunities?
साथियों,
टेक्नॉलॉजी सरकार और सामान्य मानवी के बीच का ब्रिज है। टेक्नॉलॉजी तेज़ विकास और सही विकास में संतुलन का काम करती है। टेक्नॉलॉजी का अपना Bias, अपना पक्ष नहीं होता, वो निष्पक्ष होती है। यही कारण है कि जब Human Sensitivity और Modern Technology का coordination बढ़ता है तो unprecedented result मिलते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि नए वर्ष में, नए दशक में, न्यू इंडिया के नए Attitude, नई Approach को हम मिलकर और सुदृढ़ कर पाएंगे। एक बार फिर आप सभी को, पूरे वैज्ञानिक समुदाय को और आपके परिवार को नव वर्ष की मंगलकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद !

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